
शिवरात्रि क्यों बनाया जाता है

शिवरात्रि
प्रस्तावना
महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक बड़ा धार्मिक त्योहार है जिस हिंदू धर्म के प्रमुख देवता महादेव अर्थात शिवजी की विवाह के रूप में मनाया जाता है महाशिवरात्रि का पर्व फागुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है जिस दिन शुभ वक्त एवं शिव में श्रद्धा रखने वाले लोग व्रत उपवास रखते हैं और विशेष रूप से भगवान शिव के आराधना करते हैं
कैसे पड़ा महाशिवरात्रि का नाम
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव सभी जीव जंतुओं के स्वामी एवं अधिनायक है जो सभी जीव जंतु कटी पतंग भगवान शिव की इच्छा से ही सब प्रकार का के कार्य एवं व्यवहार किया करते हैं
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव बस में 6 मार्च कैलाश पर्वत में रहकर तपस्या में लीन रहते हैं उनके साथ ही सभी कीड़े मकोड़े भी अपने बिलों में बंद हो जाते हैं जिसके बाद से 6 मार्च तक कैलाश पर्वत से उतरकर धरती पर शमशान घाट में निवास किया करते हैं उनकी धरती पर "प्रभाव फाल्कन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ करता है "कायम महान दिन युद्धों में महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है
पौराणिक मान्यताएं
महाशिवरात्रि के लेकर भगवान शिव से जुड़ी कुछ मानता है प्रचलित है ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही वर्मा के रूद्र रूप में मध्य रात्रि को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था वही यह भी मानता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य कर अपना तीसरा नेतृत्व बोला था और ब्रह्मांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया था इसके अलावा के स्थान पर इसी दिन को भगवान शिव के विवाह से भी जोड़ा जाता है और यह माना जाता है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था
महत्व
वैसे तो प्रत्येक माह में एक शिवरात्रि होती है परंतु फाल्गुन मा की कृष्ण चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि का अत्यंत महत्व है इसलिए इसी महाशिवरात्रि कहा जाता है वास्तव में महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ की आराधना का ही परवाह है जब धर्म प्रेमी लोग महादेव की विधि विधान के साथ पूजन अर्चन करते हैं और उसने आशीर्वाद प्राप्त करते हैं इसी दिन शिव मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की मूर्ति है जय शिव के दर्शन पूजन का खुद को सौभाग्यशाली मानती है
महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं विषय किया जाता है बेलपत्र धतूरा अबीर गुलाल बियर अंबी आदि अपार्ट किया जाता है भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है अतः कई लोग उन्हें भांग भी चलाते हैं दिनभर उपवास रखकर पूजन करने के बाद शाम को समय फलाहार किया जाता है
उपसंहार
महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति दया भाव दिखाते हुए शिवजी की पूजा करते हैं उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है वैसे भी भोलेनाथ शिव जी को जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवता के रूप में भी माना जाता है जिनका पूजन पूरे भारत देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है