कृष्णदास मेरी पहचान
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श्याम वर्ण से सजे मेरे नयन
जब बसते है मन में मेरे मनमोहन
कान्हा के रंग में मोहे मेरा मन
संसार में सबसे पावन है वृन्दावन
लबो पर सजता है सिर्फ माधव का नाम
मेरे कान्हा को शत शत प्रणाम
मोहन का ये रोग लगा
मोहन का अब शौक लगा
मन के पनो पनो पर अब
माधव नाम का भोग लगा
हृदय में राधा वास कर जाए
जब श्वासो में मोहन प्राण बन जाए
जपे जिव्हा निरंतर राधे श्याम
श्यामसुन्दर रंग चढ़े मेरे नाम
तप से उजागर हो मेरा धर्म
मन करे सतत माधव नाम चिंतन
गोविंद बसे सदा मेरे नयन
तुझ बिन कुछ नहीं मेरा जीवन
कृष्ण कृष्ण ही प्राण है राधे राधे श्याम है
मेरे मन के मंदिर में बसता तुलसीधाम है
कृष्ण भक्त है मेरी शान
कृष्णदास रहे सदा मेरी पहचान
~अथर्व येरावार